भारतीय न्याय संहिता (BNS) 2023 कि धारा- 89
(महिला की सम्मति के बिना गर्भपात कारित करना)
जो कोई महिला के सम्मति के बिना, चाहे वह महिला स्पन्दनगर्भा हो या नहीं, धारा 88 के अधीन अपराध करता है, वह आजीवन कारावास से, या दोनों में से किसी भांति के कारावास से, जिसकी अवधि दस वर्ष तक की हो सकेगी, दंडित किया जाएगा, और जुर्माने का भी दायी होगा।
अपराध का वर्गीकरण
सजा:- आजीवन कारावास या 10 वर्ष तक के लिए कारावास और जुर्माना,
संज्ञान:- संज्ञेय
जमानत:- अजमानतीय
विचारणीय:- सेशन न्यायालय द्वारा विचारणीय
अशमनीय:- समझौता करने योग्य नहीं
(IPC) की धारा 313 को (BNS) की धारा 89 में बदल दिया गया है। - अगर आप चाहे तो लोगो पर क्लिक करके देख सकते हैं। |